दुःखद घटना-: एक घर से उठीं आठ अर्थियां, चार साल के मासूम ने मुखाग्नि दी तो रो पड़ा गांव, 12 की हुई थी मौत, गांव में न चूल्हा जला न बाजार खुला…
एक गांव से एक साथ उठी 9 अर्थियां
इस सड़क हादसे में कैलाशचंद के दो बेटे विजय और अजय, बेटी रेखा और विजय की पत्नी राधा की मौत हुई है। वहीं, कैलाशचंद के भाई सुवालाल की दोनों बहू पूनम और अनुराधा, पोता आरव और पोती निक्कू की मौत हुई है। कैलाश का पड़ोसी अरविंद भी इस हादसे में दम तोड़ चुका है। बीते सोमवार को एक साथ 9 शव गांव पहुंचे तो कोहराम मच गया। गांव के श्मशान में एक साथ सभी का अंतिम संस्कार किया गया। यह दृश्य देखकर सभी की आंखें नम थीं।
राजस्तान के सीकर जिले में नए साल एक जनवरी को हुए सड़क हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें आठ एक ही परिवार के रहने वाले थे। जयपुर के सामोद का रहने वाला परिवार कुलदेवी के मंदिर पर पूजा-अर्चना कर लौट रहा था। इसी दौरान यह सीकर खंडेला-पलसाना सड़क मार्ग पर भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में दो भाइयों का पूरा परिवार बिखर गया।
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हादसे में जिन 12 लोगों की मौत हुई है। इसमें नौ लोग एक ही गांव के थे, जिसमें से आठ लोग एक ही परिवार के थे। इन लोगों की अर्थियां एक साथ उठीं तो गांव में कोहराम मच गया। दिलों के दहला देने वाला यह दृश्य जिसने भी देखा वह अपने आंसू नहीं रोक पाया। एक चिता पर एक साथ आठ लोगों को चार साल के मासूम ऋषभ ने मुखाग्नि दी तो सब फफक-फफक कर रोने लगे। गांव में नौ लोगों की मौत से मातम पसरा हुआ है। गांव में न तो चूल्हे जले और न ही बाजार खुले।
जयपुर के सामोद में रहने वाले कैलाशचंद और सुवालाल का परिवार एक जनवरी को नए साल पर कुलदेवी जीण माता के दर्शन के लिए गया था। माता के दर्शन कर वह अपने वाहन से वापस सामोद लौट रहे थे। इस दौरान सीकर में संडेला पलसाना सड़क मार्ग पर उनकी गाड़ी ने पहले बाइक को टक्कर मारी, फिर एक ट्रक में जा घुसी। भयानक हादसे में नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। बाकी तीन लोगों ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया।