महात्मा गांधी की 74 वी पुण्यतिथि पर उत्तराखंड वार्ता की एक रिपोर्ट
विश्व में अहिंसा ,सत्य व अन्याय के विरुद्ध सत्याग्रह का अमूल्य अस्त्र के प्रणेता ,देश के आज़ादी के संघर्ष के महानायक ,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74 वी पुण्य तिथि पर उनको शत शत नमन ,विनम्र श्रधांजलि ।
महात्मा गांधी एक व्यक्ति से अधिक एक विचारधारा हैं । 30 जनवरी 1948 भारत के इतिहास में वह काला दिन है । जिस दिन सांप्रदायिक सौहार्द,प्रेम तथा अहिंसा के विश्वव्यापी विचार के ऊपर ,अंग्रेजों के षड्यंत्र से ,उनके चार दशक तक लगातार किए गए कुत्सित प्रयासो से उपजे नफरत के विचार से उपजे पुतले ने महात्मा गांधी के ऊपर हमला कर उनकी हत्या कर दी।
महात्मा गांधी एक शरीर के रूप में तब से हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन महात्मा गांधी की शहादत के बाद सांप्रदायिक सौहार्द ,अहिंसा और प्रेम के विचार ने एक नया फलक प्राप्त किया, उसका दायरा वैश्विक हुआ..। विश्व ने महात्मा गांधी के विचारों को माना है ।
“ दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल ।
आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल
साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल।”