उत्तराखंड

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून में फुट ओवर ब्रिज और अत्याधुनिक घुड़सवारी क्षेत्र का लोकार्पण किया

देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में, राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को राष्ट्रपति निकेतन में दो नई आगंतुक-केंद्रित सुविधाओं— फुट ओवर ब्रिज और घुड़सवारी क्षेत्र— का लोकार्पण किया। इन दोनों परियोजनाओं को आधुनिक अवसंरचना, सुरक्षा और हिमालयी विरासत के अनोखे संगम के रूप में देखा जा रहा है।

🚶 आधुनिकता और सुरक्षा का प्रतीक: फुट ओवर ब्रिज

  • परियोजना: राजपुर रोड पर बना 105 फीट लंबा पैदल पार पुल (फुट ओवर ब्रिज)
  • उद्देश्य: यह पुल राष्ट्रपति निकेतन और आगामी राष्ट्रपति उद्यान के बीच निर्बाध आवाजाही को संभव बनाता है।
  • विशेषता: राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा ₹9 करोड़ की लागत से मात्र छह माह में तैयार की गई इस परियोजना को “हिमालयी डिज़ाइन की आधुनिक मिसाल” कहा जा रहा है।
  • सुगमता: रैंप और रेलिंग सहित इसका डिज़ाइन इसे सभी आयु वर्गों के लिए सुगम और सुरक्षित बनाता है।

🐎 राष्ट्रपति अंगरक्षकों के लिए अत्याधुनिक घुड़सवारी क्षेत्र

 

फुट ओवर ब्रिज के लोकार्पण के बाद, राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति निकेतन परिसर में विकसित अत्याधुनिक घुड़सवारी क्षेत्र का भी उद्घाटन किया।

  • प्रेरणा: इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपति अंगरक्षकों (PBG) के घोड़ों को स्वयं घास खिलाई और उनके रखरखाव की जानकारी ली।
  • सुविधाएँ: 0.7 एकड़ में फैले इस क्षेत्र को सीपीडब्ल्यूडी द्वारा विकसित किया गया है, जहाँ राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के 8 चयनित घोड़े रखे जाएंगे।
  • आगंतुकों के लिए: यहाँ आगंतुकों के लिए देखने के गलियारे और निर्देशित भ्रमण (Guided Tours) की विशेष व्यवस्था की गई है।
  • समय: यह सुविधा सोमवार को छोड़कर प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी।

 

🎶 लोकसंगीत का आनंद और लोक कलाकारों का उत्साहवर्धन

देर शाम महामहिम राष्ट्रपति ने उत्तराखंड संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्या में भी शिरकत की।

  • उपस्थिति: कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) भी उपस्थित रहे।

  • कार्यक्रम: राष्ट्रपति ने उत्तराखंड की लोकसंगीत और लोकनृत्य की प्रस्तुतियों का आनंद लिया और लोक कलाकारों से मिलकर उनका हौसला-अफजाई की।

राष्ट्रपति निकेतन में हुआ यह लोकार्पण उत्तराखंड के लिए गौरवपूर्ण क्षण रहा, जहाँ आधुनिकता ने परंपरा का हाथ थामा और परिसर ने भविष्य की ओर एक और सुनहरा कदम बढ़ाया।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

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