उत्तराखंडबागेश्वर

Good News Bageshwar -:बागेश्वर की सुमन खेतवाल ने किया पूरे उत्तराखंड का नाम रौशन, सुमन बनी सिविल जज एवं ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट

बागेश्वर की सुमन खेतवाल ने किया पूरे प्रदेश का नाम रौशन ।
राजकीय कन्या इंटर कॉलेज बागेश्वर से शिक्षा ग्रहण करने वाली हमारी बिटिया सुमन ने महाराष्ट्र राज्य लोक सेवा आयोग की पीसीएस(जे) की परीक्षा उत्तीर्ण की।
परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जब सुमन पहली बार वह गांव आयी तो ग्रामीणों ने उसका भव्य स्वागत किया जोकि बहुत ही सराहनीय है। इससे एक सकारात्मक संदेश पूरे जनपद में जाएगा और बाकी बच्चे भी सुमन से प्रभावित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे और सफल होंगे। कड़ी मेहनत और पक्के इरादे के बल पर कठिन लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। इस बात को सच साबित कर दिखाया है जिले के दूरस्थ गांव खुल्दोड़ी की सुमन खेतवाल ने। दुर्गम गांव की बेटी का महाराष्ट्र न्यायिक प्रणाली में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एवं सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के पद पर चयन हुआ है। जज बनने के बाद गांव पहुंची सुमन का ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया।
सुमन ने प्राइमरी स्तर की पढ़ाई गांव के विद्यालय से की। कक्षा छह और सात की शिक्षा ऐठाण से प्राप्त करने के बाद कक्षा आठ से इंटरमीडिएट तक की शिक्षा राबाइंका बागेश्वर से हासिल की। वर्ष 2019 में इंटर करने के बाद वह आगे की शिक्षा के लिए महाराष्ट्र चली गईं। उन्होंने कानून की पढ़ाई की और वर्ष 2015 से बतौर अधिवक्ता पुणे की जिला कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगीं। वर्ष 2019 में उन्होंने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की प्री परीक्षा दी, पहली बार में सफलता नहीं मिलने पर वर्ष 2020 में फिर से प्रयास किया। इस बार प्री तो निकाला लेकिन कोविड के चलते 2022 में घोषित मेन्स के परिणाम में वह असफल रहीं। हालांकि यह साल उनके लिए काफी बड़ी उपलब्धि लेकर आया और उन्होंने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की प्री, मेन्स परीक्षा पास करते हुए इंटरव्यू भी क्लीयर कर लिया। जून में उन्हें महाराष्ट्र राज्य में ही बतौर जज नियुक्ति मिल जाएगी।
पढ़ाई के लिए दादी से किया समझौता
बागेश्वर। इंटर के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए सुमन को अपनी दादी से समझौता करना पड़ा था। दरअसल दादी पार्वती देवी सुमन की शादी करवाना चाहतीं थीं लेकिन सुमन को कानून की पढ़ाई करनी थी। उन्होंने दादी से पूछा कि शादी में कितना खर्च आता है। दादी ने बताया कि चार-पांच लाख रुपये। सुमन ने कहा कि वह शादी में खर्च होने वाले रुपये उन्हें दे दें तो और अपनी शादी का खर्चा खुद उठाएंगी। उनके दृड़ विश्वास को देखते हुए परिवार वालों ने उन्हें पढ़ाने का निर्णय लिया।
और गांव वालों ने किया भव्य स्वागत
सुमन अपनी सफलता का श्रेय माता दीपा देवी और पिता गुमान सिंह खेतवाल को देतीं हैं। मां को वह अपनी प्रेरणा मानती हैं। बृहस्पतिवार को जब वह गांव पहुंचीं तो ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। उद्योगपति दलीप खेतवाल कहते हैं कि सुमन ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर गांव को गौरवान्वित किया है। आज का दिन खुल्दोड़ी के हर ग्रामीण के लिए बेहद खास है। सुमन ने बताया कि वह कुछ दिन गांव में ही रहेंगी।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!