उत्तराखंड

बाल विवाह को रोकने व पुलिस को सूचना देने पर अब मिलेगा हजारों रुपये का इनाम

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित महिला सशक्तीकरण एवं सुरक्षा सप्ताह एवं ‘महिला भागीदारी को प्रोत्साहन’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास के ई-पेपर ‘अपनी वाणी’ का शुभारंभ किया एवं महिलाओं की आत्मरक्षा पर बनी लघु फिल्म का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह को रोकने एवं सामाजिक सरोकारों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाली मानसिक और शारीरिक हिंसा की घटनाओं को सक्षम स्तर पर सूचित करते हुए रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को महिला सुरक्षा प्रहरी के रूप में जाना जाएगा तथा ऐसे व्यक्ति या समूह को सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि बाल विवाह की पूर्व सूचना पुलिस को देने वाले या रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति या संस्था को 10 हजार रुपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा तथा इन कार्यों में विशेष योगदान देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।उन्होंने कहा कि किसी समाज या राज्य की रीढ़, उसकी सशक्त महिलाएं ही हैं। यदि किसी राज्य की नारी शक्ति प्रगति कर रही है तो उस राज्य का विकास सुनिश्चित है, उसे कोई रोक नहीं सकता। उत्तराखण्ड के निर्माण में महिलाओं ने अपना विशेष योगदान दिया है। एक ओर जहां प्रदेश की मातृशक्ति ने पूरे समाज को विपरीत परिस्थितियों में जीना सिखाया, जूझना सिखाया, वहीं दूसरी ओर हर परिस्थिति में जीतना भी सिखाया है। उन्होंने कहा कि हम उस संस्कृति के साधक हैं जहां पुरुष की परिकल्पना नारी के बिना अधूरी मानी जाती है। हमारे यहां एक ओर अर्धनारीश्वर की पूजा की जाती है वहीं दूसरी ओर मां जगदम्बा को इस सृष्टि का मूल माना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र तथा राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए मिलकर सभी प्रकार के प्रयत्न कर रही हैं। महिलाओं को होम मेकर के साथ-साथ नेशन मेकर के रूप में आगे बढ़ना होगा, तभी सही अर्थों में राष्ट्र का विकास संभव हो पायेगा। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास रेखा आर्य ने भी विचार रखे।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!