उत्तराखंडउत्तराखंड से बड़ी खबरटिहरी गढ़वालराजनीति

किशोर का प्रभाव टिहरी पर, दोनों पार्टियों के लिए असमंजस की स्थिति

उत्तराखंड राज्य में 14 फरवरी को मतदान होना है जिसके मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां दमखम से तैयारियों में जुटी हुई है इसी क्रम में प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय दलों ने भी प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इसी क्रम में भाजपा संगठन ने जहां एक और पहली सूची के तहत 59 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की है तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने 64 विधानसभा सीटों के लिए दो सूची जारी कर चुकी है। हालांकि, अभी भी टिहरी विधानसभा सीट एकमात्र ऐसी सीट है जिस पर प्रदेश की दोनों ही मुख्य पार्टियों ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं की है।

ऐसे में चर्चाएं हैं की दोनों ही पार्टियों ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की वजह से ही प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड की राजनीति में किशोर उपाध्याय का कितना बड़ा कद है। दरअसल, टिहरी विधानसभा सीट से किशोर उपाध्याय चुनाव जीत चुके हैं ऐसे में उस क्षेत्र में किशोर उपाध्याय का एक बड़ा प्रभाव है। यही वजह है कि दोनों ही पार्टियां किशोर उपाध्याय पर आस लगाए बैठी हैं।

दरअसल, कुछ दिनों पहले चर्चाएं थे कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भाजपा में शामिल हो सकते हैं हालांकि उस दौरान किशोर उपाध्याय भाजपा के प्रदेश प्रभारी और चुनाव प्रदेश प्रभारी से भी मुलाकात की थी जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने बड़ी कार्रवाई करते हुए किशोर उपाध्याय को प्रदेश के सभी पदों से हटा दिया था। लिहाजा चर्चाओं ने इस बाबत तुल पकड़ी थी कि किशोर उपाध्याय कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ यही वजह है कि टिहरी विधानसभा सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पाई है।

उत्तराखंड वार्ता

उत्तराखंड वार्ता समूह संपादक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!